डीएम कैसे बने?

डीएम कैसे बने?
हर इंसान का सपना होता है, बहुत जिंदगी में कुछ ना कुछ करें। इसके लिए कोई पुलिस में जाता है, कोई इंजीनियरिंग करता है या कोई कुछ अपने शौक को पूरा करने के लिए कुछ विशेष कार्य करते हैं तो कुछ प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं। इसी प्रकार का यूपीएससी की परीक्षा पास होते ही डीएम के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है जिसकी तैयारी करनी पड़ती है और सफल होने पर मजिस्ट्रेट जिला का पद दिया जाता है। डीएम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का पद दिया जाता है। सरकारी महकमे में डीएम का पद जो होता है वह सर्वोच्च प्रसिद्धि का पद होता है। अगर आप भी डीएम बनना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही आवश्यक साबित हो सकता है।
डीएम बनने के लिए जो अत्यावश्यक विचार है, वह इस आर्टिकल में आपको मिल सकते हैं और आप एक विशेष तैयारी के साथ डीएम बनने की तैयारी के लिए तैयार हो जाइए। अगर आप भी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का सपना देख रहे हैं तो आपको कोई जो सफलता के लिए लग जाना चाहिए क्योंकि कुछ पाने के लिए बहुत ही कठिन परिश्रम करना पड़ता है और बिना परिश्रम के कुछ भी नहीं किया जा सकता। डीएम बनने के लिए जो योग्यता होनी चाहिए उसकी आयु और की उसकी चयन प्रक्रिया किस प्रकार से पूर्ण होती है। इसी से संबंधित जानकारी इस आर्टिकल में हम देने जा रहे हैं जो आपके जीवन में उन्नति एवं सफलता अति आवश्यक सिद्ध होगा ।
DM बनने के लिए उम्मीदवार को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के तहत होने वाली CSE एग्जाम को पास करना होता हैं। यदि आप इस एग्जाम को पास करते है तो फिर आप IAS अधिकारी बन जाते है। IAS अधिकारी के कुछ समय बाद आपको पदोन्नति दे कर के डीएम बनाया जाता हैं। जिला मजिस्ट्रेट बनने के लिए आपकी हाइट कम से कम 5 फीट 6 इंच होनी चाहिए। DM बनने के पश्चात सभी प्रकार की सरकारी सुविधाएं दी जाती है यह सर्विस बहुत योग्यता के साथ छात्र अपनी कार्य निष्ठा को विशेष योग्यता के साथ कार्य को करना पड़ता है डीएम सरकारी कामकाज को सभी नियम और कानून के तहत किया जाता है।

डीएम कौन होता है-

आज हम आपको जो है डीएम के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं डीएम कौन होता है इसके बारे में हम आपको सब जानकारी देंगे और आपको बताएंगे की आपको डीएम बनने के लिए और से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए और एक विषय और विशेषज्ञ के बारे में जानकारी का ज्ञान विशेष योगिता उसको किस परीक्षा से गुजरना पड़ता है उसकी उम्र आयु सीमा प्रत्येक विषय का ज्ञान उसी संबंधित विषय और उसकी राष्ट्रीयता उसको कौन सी पुस्तक या पाठ्यक्रम सिलेबस की जानकारी संस्कृति और परंपरा के बारे में विस्तृत टिप्पणी एवं अनुसंधान सांस्कृतिक पौराणिक जो इतिहास से संबंधित ज्ञान होना भी अति आवश्यक है।
डीएम यानी जिला कलेक्टर जिसका कार्य विस्तृत प्रशासन से संबंधित बहुत ही विस्तृत कार्य होता है उसको सुचारू रूप से चलाने के लिए और प्रशासन की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए उसका क्षेत्र बहुत बड़ा होता है उसको जिले में हो रही तमाम कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी होना आवश्यक होता है कलेक्टर की जिम्मेदारी प्रशासनिक हिना हो के सामाजिक कार्यों में भी उसको भाग लेना पड़ता है जिले में जो कुछ घटित होता है उसके बारे में उसको डेली अपडेट होना पड़ता है अपने कार्य को पूर्ण रूप से संचालित करते हुए उसको प्रशासनिक सेवा में जो कार्य करते हैं उनको दिशानिर्देश भी देना DM का कार्य होता है ।
गेम का कार्य संपूर्ण जिले का कार्य प्रणाली को देखना होता है कहीं भी अवैध कार्य होने पर छापेमारी करना भी को निर्देश देना पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर कार्यप्रणाली को अच्छे से करना संपूर्ण जिले की देखरेख और कार्य व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के यह उसी का होता है ।

डीएम के कार्य-

डीएम जिला प्रशासन का सर्वोच्च अधिकारी होता है जिसकी कार्य की रूपरेखा बहुत विस्तृत होती है सभी जगह उसको प्रशासनिक सेवा में अपनी सेवा देने पड़ती है और कार्य रूप सरकारी महकमें में हर जगह उसको अपनी उपस्थिति देनी पड़ती है सर्वोच्च अधिकारी होने के नाते उसको ईश्वर का दिशानिर्देश देने पड़ते हैं जिससे कि जिले की एक अच्छी तरह से व्यवस्था के साथ-साथ किसी भी प्रकार की प्रशासनिक मुश्किलों का सामना किया जा सके कलेक्टर द्वारा ऐतिहासिक धरोहर और उनकी देखरेख करना उनका रिपेयर करवाना हर जगह जितने भी सर में स्थित सर्कल और टोल रोड पोलैंड रोड गुमटीओ हेरिटेज के साथ उसकी गुणवत्ता को बनाए रखना बैठकों को पौराणिक इतिहास के बारे में जानकारी के लिए विशेष प्रकार की पुस्तकों का अलग से व्यवस्था करवाना और हर प्रकार से पर्यटक स्थल तक उनको सूचना देना जिससे कि उनका मार्ग प्रदर्शित हो सके किसी भी प्रकार की बिना परेशानी के कारण जिस जगह हो जाना चाहे वह आसानी से वाहन व्यवस्था हो सके और इतिहास के बारे में जो भारत का इतिहास रहा है उसके विषय में उनको विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके जिससे वह अपने देश में जाकर के भारत की संस्कृति को पूर्ण रूप से आगे बढ़ा सके और इसी दायित्व के साथ भारत की जो सांस्कृतिक और धार्मिक परिवेश के बारे में जो ज्ञान प्राप्त होता है वह इतिहास से ही पता चलता है क्योंकि भारत का जो इतिहास रहा है अंग्रेजों के समय से वर्तमान काल तक का इतिहास इतिहासकारों ने अपनी विशेष प्रकार की पुस्तकों या ग्रंथों में मैं माध्यम से जानकारी प्राप्त होती है हम अगर चाहे तो हमारी धरोहर हमारी संस्कृति को एक विशेष आयाम दे सकते हैं और उसको देश विदेश में परंपरागत रूप से ख्याति प्राप्त कर सकते हैं हम जब भी यह सोचते हैं की हमें अपने देश के प्रति जिस प्रकार से कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए और उसकी पौराणिक मान्यताओं को बिना नुकसान पहुंचाए हमें उसकी रक्षा करनी चाहिए।
हर प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए की पुष्टि होना अति आवश्यक है क्योंकि वही प्रशासनिक अधिकारी होता है जो हर प्रकार से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा सकता है। डीएम को प्रशासन से संबंधित सभी कार्य को संपन्न करना पड़ता है और प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते उसको प्रशासन के साथ-साथ लोगों को लाभ भी पहुंचाना होता है सरकार की जितनी भी योजनाएं आती है उन सभी को पूर्ण रूप से आदर्श रूप से प्रस्तुत कर उन तक पहुंचाना भी कलेक्टर का ही काम होता है।

1़ राजस्व संबंधी डीएम के कार्य –
डीएम को भी सभी प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं जो राजस्व से संबंधित होते हैं राजस्व के कार्य के निष्पादन के लिए डीएम को ही सहयोग करना पड़ता है प्रशासनिक कार्य के साथ-साथ राजस्व संबंधी कार्य का पूरी तरह से सुचारू रूप से हो सके इसके लिए डीएम को भी इसमें पूँण रुप से सहयोग देना पड़ता है।

2़ प्रशासनिक सहयोग-
कलेक्टर को अपने कार्य के साथ-साथ प्रशासनिक संबंधी कार्य को भी देखना पड़ता है जब कोई प्रशासनिक अधिकारी उसके जिले में आता है या कोई विशेष कार्य संबंधी उसके फल स्वरुप कोई समारोह का आयोजन होता है या उसको संपन्न करवाना पड़ता है तो कलेक्टर की ही जिम्मेदारी होती है कि वह प्रशासन का पूर्ण रुप से सहयोग करें और आवश्यक रूप से दिशा निर्देश दें जो भी हो सके तो पूर्ण रूप से अपनी उपस्थिति समारोह में दे सके समस्त विस्थापन का कार्य जो है उस समय कलेक्टर को ही देखना पड़ता है उसमें किसी प्रकार का व्यवधान ना पड़े इसके लिए वह पुलिस प्रशासन की पूर्ण रूप से व्यवस्था करता है और आवश्यक दिशा निर्देश के द्वारा अपनी योग्यता को सिद्ध करता है।

3़ ग्रामीण व्यवस्था संबंधी कार्य-
DMK Jila sambandhi Karya ke साथ-साथ ग्रामीण व्यवस्था का विकास देखना होता है कि गांव में घूमकर विकास का लेखा जोखा रखना गांव में सड़क निर्माण या भवन निर्माण की व्यवस्था एवं गांव में स्कूल या विद्यालय की उचित प्रशासनिक व्यवस्था या आवश्यक दिशा निर्देश और उससे संबंधित समय-समय पर समारोह कलवाना स्कूलों में अध्यापक की उचित व्यवस्था देखना और पूर्ण रूप से सुलभ शौचालय और जल प्रबंधन की व्यवस्था करना भी डीएम के कार्य ही होते हैं बिल को आवश्यक दिशा निर्देश देकर वह कार्य करवा सकता है स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारी को भेजकर उस ग्रामीण विद्यालय के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दे सकता है ।उचित प्रबंध कर सकता है प्रबंधन के लिए उसे किसी की सलाह की आवश्यकता तो नहीं होती फिर भी उचित एडवाइस जरूर लेता है और सही समय पर नहीं लेता है जिससे कि सभी कार्य सुचारू रूप से हो सके और कोई व्यवधान नहीं हो कलेक्टर जिले के साथ-साथ ग्रामीण व्यवस्था को भी सुचारू रूप से देख सकता है।

4़ स्वच्छ भारत अभियान-
डीएम को निगम के भी कार्य भी पूर्ण रूप से ध्यान रखना पड़ता है देश में शहरी विकास को किस प्रकार नई दिशा और तरक्की के साथ साफ सुथरा वातावरण और उचित विश्वास के साथ पानी बिजली और सिविल लाइन की उचित व्यवस्था को देखना देश में स्वच्छता का प्रबंधन करना बी कलेक्टर काहे कार्य होता है इसको विभिन्न प्रकार से कार्य का प्रबंध करना होता है। Hamare desh ki swachhata को बनाए रखना आसान नहीं है यहां विभिन्न प्रकार के की कठिनाइयों से गुजर ना पड़ता है जैसे कि जो गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन करते हैं वह झोपड़पट्टी या डिवाइडर पर रहते हैं उनके लिए एक बसेरा की व्यवस्था करना भी डीएम को ही करना पड़ता है कि उनको कहां पर रखा जाए जहां पर निश्चित रूप से उनको परेशानी ना हो और अपना जीवन आसानी से व्यतीत कर सकें और देश में भी स्वच्छता मेंबांधा ना पहुंचे।

कलेक्टर को भिन्न प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं क्योंकि ओम के प्रशासनिक का अधिकारी होता है या उसे मुखिया कहां जाए तो भी कुछ अनुचित ना होगा क्योंकि सभी प्रकार के कार्य का विवरण रखना और कार्य को करना उसी को पड़ता है ईश्वर का नाम ने आपको डीएम के बारे में लता डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के बारे में जो कुछ भी जानकारी दी लगता है हमारे विचार आपको अवश्य ही पसंद आएंगे हमारे आर्टिकल को और आगे बढ़ाने के लिए अपने विचार अवश्य दें और हमें कमेंट करके हमारे ज्ञान को और आगे बढ़ाएं इसी उम्मीद के साथ हमारा नियंत्रण यही प्रयास रहता है कि हम आपके सामने नई नई जानकारी आपको दे सके जिससे आपका बहुगुणी विकास हो सके और हमें भी मार्गदर्शन मिल सके और हम ऐसे ही आर्टिकल के लिए प्रयास करें।

FAQs.

Q. डीएम के क्या क्या कार्य होते हैं?
Ans. पीएम को प्रशासन से संबंधित सभी कार्य को करना पड़ता है। प्रशासन में जो भी हो रहा है इसका प्रमुख विवरण डीएम के पास ही होता है और कहां पर क्या समारोह हो रहा है। इसका कलेक्टर के पास ही बताएं जाते हैं अगर कोई नया विकास कार्य हो रहा है तो सभी प्रकार से उसकी परमिशन भी देनी होती है। डीएम किसी भी प्रकार के विकास कार्य का विवरण उससे संबंधित अधिकारी से ले सकता है और उसे उचित दिशा निर्देश देकर निश्चित समय पर उसका विवरण मांग सकता है और ना देने पर उस पर उचित कार्रवाई भी कर सकता है डीएम को सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी का मुख्य माना जाता है। वह चाहे तो कुछ भी कर सकता है, उसके कार्य में कोई भी हस्तक्षेप नहीं डाल सकता वह मुख्य प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है उसका पद सर्वोच्च होता है। उसके लिए उसे निश्चित सहयोग के साथ साथ उचित दिशा निर्देश देना होता है।

Q. डीएम बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
Ans. डीएम बनने के लिए सी एस सी का एग्जाम पास करना पड़ता है उसके पश्चात आईएएस अधिकारी बनता है और आईएएस अधिकारी की पदोन्नति होने पर डीएम पर प्रमोशन किया जाता है और प्रशासन में उसका मुख्य सहयोग होता है। प्रशासनिक अधिकारी बनने पर उस पद की गरिमा बनाए रखने के लिए उसे विभिन्न कार्य का संपादन करना पड़ता है और प्रशासन के सभी प्रकार के कार्य उसी के द्वारा सुनिश्चित किए जाते हैं और वह अपनी निष्ठा और ईमानदारी से पूर्ण रूप से कार्य करने के लिए हर तरह से सजग रहता है और प्रशासन के विकास कार्य और विभिन्न प्रकार के समारोह संबंधी कार्य की देखरेख करना और उससे संबंधित संज्ञान लेना और समारोह को सुचारू रूप से चलाने के लिए और विभिन्न प्रकार के अधिकारियों से वार्तालाप बनाए रखना उसे व्यापारिक संबंधों द्वारा उस विषय की जानकारी प्राप्त करना और ठीक प्रकार से कार्य हो रहा है या नहीं इसके बारे में जानना और सही रूप से प्रबंधन करना होता है। इस प्रकार कलेक्टर या डीएम सर्वोच्च पद होता है।

Q. जिला मजिस्ट्रेट बनने के लिए क्या योग्यता होती है?
Ans. जिला मजिस्ट्रेट बनने के लिए पहले CSE Exam
को पास करना होता है उसके बाद IAS आईएएस एग्जाम पास करने के बाद अधिकारी बन जाता है। उसके पश्चात जिला मजिस्ट्रेट अर्थात कलेक्टर के पद पर पदोन्नति होती है और इस प्रकार से वह मुख्य अधिकारी का पद संभालता है।

Q. स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य कार्य अधिकारी या कार्य कौन संभालता है?
Ans. भारत सरकार की कोई भी योजना को सफल बनाने का कार्य कलेक्टर द्वारा ही किया जाता है। उसके द्वारा ही कार्य का संचालन और पूर्ण रूप से उस का समापन किया जाता है।

Q. शहरी या ग्रामीण प्रशासनिक व्यवस्था का जिम्मा किसका होता है?
Ans. शहर ग्रामीण व्यवस्था हो या ग्रामीण संपूर्ण व्यवस्था निगम की साफ-सफाई या उसकी शुद्धता का ध्यान रखना हो संपूर्ण कार्य जो है प्रशासन के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी व्यवस्था का संपूर्ण विवरण कलेक्टर द्वारा दिया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट को मुख्य कार्यकारी अधिकारी या जिले का मुखिया कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति या बुराई नहीं होगी।

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